सर्व शिक्षा,शिक्षक कल्याण एवं राष्ट्र निर्माण की अवधारणा से युक्त 'अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ' के इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है|

Thursday 17 February, 2011

विपरीत परिष्टितियो में कैसे सफल होगा राइट टू एजुकेशन

राज्य में प्राथमिक शिक्षक सिस्टम की खामियों से जूझते हुए राइट टू एजुकेशन की सफलता की कामना कर रहे हैं। लगभग १००००० शिक्षकों की कमी क्र वाबजूद , विद्यालयों में मुलभुत सुबिधाओं के अभाव में भी हम सैट प्रतिशत नामांकन एवं ठहराव तथा क्वालिटी एजुकेशनन देने के लिए प्रयत्नशील हैं। मध्याहन भोजन एवं भवन निर्माण ने पुरे शिक्षा विभाग की क्षवी को धूमिल किया है । राज्य में शिक्षको को समय पर वेतन भी नहीं मिलता है, यदि हम नहीं मांगे तो प्रोनात्ति भी शायद नहीं मिलेगी। सरकार को चाहिए की सेवानिवृति उम्र सीमा बढा कर ६५ वर्ष करे ताकि शिक्षको के वर्तमान संख्या में कमी न हो। हर माह के पाँच तारीख तक वेतन भुगतान की गारंटी होनी चाहिए। संघ ग्रेड १ सहित सभी बिन्दुवो पर प्रयास जरी रखेगा।

इसके बाबजूद भी हमें अपने सर्वोच्च उर्जा का प्रयोग करते हुवे विद्यालयों में पठान पाठन की दशा में सुधार लाते हुवे अपने सामाजिक व सरकारी दायित्वों का निर्वाह करते हुवे अपने बारे में किये जा रहे दुष्प्रचारो का करारा जवाब देना चाहिए ।

Tuesday 15 February, 2011

THANKS

THANKS

SABHI KO MERA NAMASKAR

Sunday 13 February, 2011

शिक्षक या झारखण्ड सरकार के रिजर्व कर्मचारी

एक दिन मुझसे एक व्यक्ति ने सफ़र के दौरान पूछा- "आप क्या करते हैं?" मेरे मुख से अनायास ही निकल गया - "मैं झारखण्ड सरकार का रिजर्व कर्मचारी हूँ।" झारखण्ड राज्य के शिक्षकों के लिए यह शायद विल्कुल ही सत्य है। यहाँ शिक्षकों को विद्यालय में इस प्रकार से रखा जाता है जैसे वे माध्यम मात्र हों सरकार के लिए किये जाने वाले अन्य कार्यों हेतु । प्रखंड कार्यालय में कर्मी की कमी हो तो शिक्षक को प्रतिनियोजित कर दिया जाता है। भवन निर्माण करना हो तो शिक्षक को कार्यभार प्रदान कर दिया जाता है। इस कार्य के लिए बाल मनोविज्ञान तथा अध्यापन अधिगम उपागम के प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों को जाने क्या सोचकर भवन निर्माण कार्य में लगा दिया जाता है जबकि इस सुकार्य के लिए सरकार के पास बकायदा विभाग उपलब्ध है।
सरकार का जोर विद्यालयों में शिक्षण से ज्यादा मध्याह्न भोजन पर दिखता है। शिक्षकों को मध्याह्न भोजन कीगुणवत्ता के साथ साथ खर्चों के हिसाब-किताब रखने की भी जिम्मेदारी दे दी गयी है। यह कैसा अंधेर है पैसा किसी और के खाते में आये, खर्च कोई करे और हिसाब कोई रखे। अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ के रांची सेमिनार में माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री, झारखण्ड सरकार की शिक्षकों को मध्याह्न भोजन से दूर रखे जाने की घोषणा निश्चय ही स्वागतयोग्य है, परन्तु इस पर जितनी जल्दी अमल किया जाता, झारखण्ड में शिक्षा के हित में यह उतना ही अच्छा होता।
मैं यह सोचता हूँ कि काश! शिक्षक को शिक्षक ही रहने दिया जाता न कि सरकार का रिजर्व कर्मचारी

Monday 7 February, 2011

स्वागतम

अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ के इस ब्लॉग निर्माण का उद्देश्य धीरे -धीरे प्राप्त होता दिख रहा है। इस ब्लॉग का हिट काउंटर तथा ब्लॉग पर दिए गए संदेशों से यह प्रतीत होता है कि शिक्षक बंधुओं का लगातार आगमन इस ब्लॉग पर हो रहा है। मैं प्रमोद कुमार इस ब्लॉग के व्यवस्थापक के रूप में आपका स्वागत करता हूँ। इस ब्लॉग के निर्माण का मेरा उद्देश्य है अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक बंधुओं को जोड़ना, आपसी विचारों का आदान-प्रदान, विभिन्न जिलों के कमिटी द्वारा किये जा रहे कार्यों से सबों को परिचित कराना इत्यादि। अतः इस ब्लॉग पर आने वाले शिक्षक बंधुओं से मेरा आग्रह है कि अपना email जो gmail.com पर बना हुआ हो मेरे इमेल पते pkumar8791@gmail.com पर अपने नाम, परिचय तथा जिले के नाम के साथ भेजें जिससे आपको इस ब्लॉगके माध्यम से अपने विचारों को रखने का अधिकार प्रदान किया जा सके

Sunday 6 February, 2011

तिलक जी आप को बहुत -बहुत धन्वाद साथ -साथ ajpta की पूरी टीम को भी धन्वाद जिसने इतना सुन्दर सोच के साथ काम किया
नीरज मिश्रा ,धनबाद

Friday 4 February, 2011

राजा स्मृति शिक्षक कल्याण कोष का गठन

अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ के दो दिवसीय सेमिनार की एक अति मघ्त्वपूर्ण उपलब्धि जमशेदपुर के शिक्षक स्व० श्री एम ० राम ० प्रसाद (raja) की स्मृती में शिक्षक कल्याण कोष का गठन रही । इस नेक कार्य हेतु संघ के सभी प्रतिनिधि बधाई के पात्र हैं । झारखण्ड राज्य के गठन के बाद शिक्षको के हित में सोचने वाला यह प्रथम संघ हैं । कार्यशाला के माध्यम से संघ ने यह सन्देश दे दिया है की राज्य की शिक्षा प्रणाली को सही दिशा में अग्रसर करने के लिए वो संकल्पित है। शिक्षक मित्रों को शिक्षा जगत की नवीनतम सूचनाओं से अवगत करने के लिए वेबसाइट का जारी किया जाना सुचना प्रोदोय्गिकी के क्रन्तिकारी युग के साथ कदम मिलने की ओर एक कदम है। इस वेबसाइट को प्रासंगिक बनाने में आपका सहयोग अपेक्षित है।
धन्यवाद
रजनी कान्त तिलक , स० शि० , सिमडेगा