सर्व शिक्षा,शिक्षक कल्याण एवं राष्ट्र निर्माण की अवधारणा से युक्त 'अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ' के इस ब्लॉग पर आपका स्वागत है|

Monday 18 April, 2011

self education

A child learns itself. A teacher is only a helper. You can not teach a child anymore than you can grow a plant. The plant develops according to its own nature. The child also teaches itself. But you can help it to go forward in its own way. What you can do is not of positive nature but negative. You can take away the obstacles and knowledge comes out of its own nature. Loosen the soil a little so that it may come out easily and is not killed by anything .You can supply the growing seed with materials for the making up of its body bringing it the earth , the water ,the ait that it wants .And there your work stops.

Sunday 17 April, 2011

क्या हम सचमुच संगठित हैं ?

आज १७.०४.११ को बोकारो के शिक्षक श्री रामोदय प्रसाद सिंह का आकस्मिक निधन हो गया। पहले भी जमशेदपुर से हमारे मित्र राजा और कुछ साथी हमें छोड़कर जा चुके हैं। अपने ऐसे मित्रों के जाने के बाद हम में से कितने लोग उनके बच्चों और परिवार को देखने या उनका हाल चाल पूछने उनके घर गए हैं? सुख के समय हम सभी पारिवारिक रूप से एक दुसरे के घर जाते हैं, अच्छे बुरे वक्त में काम आने की बातें करते हैं, लेकिन हम सभी अपने दिल पर हाथ रखकर सोंचें कि हम इसे कितना निभा रहे हैं? शिक्षक एकता जिन्दावाद के नारे लगाने वाले हमलोग क्या एकत्रित हैं? यदि हाँ तो अपने दिवंगत मित्रों के बच्चों के प्रति हमारी सम्बेदना क्या है? पीड़ित परिवार को साहस देने में हमने क्या सहयोग दिया है? ये सभी बातें ठंढे दिमाग से सोचने कि हैं। इन्ही सब बातों को सोंच कर शिक्षक कल्याण कोस को आप सबों के बीच लाया गया है। कृपया संघ के वेबसाइट पर जाकर इसे पढ़ें और समझकर इससे जुड़ें। बुरे वक्त में अपने मित्रों के आश्रितों को हिम्मत देने के बाद ही सही मायने में हम आपको एक शिक्षक परिवार कह सकते हैं। हमें आशा है कि हम सभी इस ओर सकारात्मक सोंच के साथ आगे बढ़ेंगे।